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Divya Tanwar आजकल कहां है | क्यों नहीं मिला था IAS

Divya Tanwar's story is very inspiring

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Divya Tanwar : संघर्ष से IAS बनने का सफर

दिव्या तंवर, हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के निम्बी गांव की निवासी, एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार किया। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के साथ बड़ा लक्ष्य प्राप्त करना चाहता है।

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प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

दिव्या का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ। छोटी उम्र में उनके पिता का देहांत हो गया, और उनकी माँ, बबीता तंवर, मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करती थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय से प्राप्त की और महेंद्रगढ़ के सरकारी महिला कॉलेज से बी.एससी. की पढ़ाई पूरी की​

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UPSC सफर

  1. पहला प्रयास (2021):
    • दिव्या ने 21 वर्ष की उम्र में UPSC परीक्षा पास की और 438वीं रैंक के साथ IPS बनीं। यह उपलब्धि बिना कोचिंग के हासिल की गई थी। उन्होंने इंटरनेट और पुस्तकालयों से अध्ययन सामग्री प्राप्त की और सेल्फ स्टडी पर जोर दिया​
    • दिव्या तंवर को 2021 में UPSC परीक्षा के बाद IPS के लिए मणिपुर कैडर अलॉट किया गया था
  2. दूसरा प्रयास (2022):
    • दिव्या ने IAS बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए दोबारा परीक्षा दी। इस बार उन्होंने 105वीं रैंक हासिल की और अपने सपने को साकार किया​

रणनीति और प्रेरणा

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सारणी: दिव्या तंवर का सफर

वर्षउपलब्धिरैंकपद
2021UPSC पास, पहली बार438IPS
2022UPSC पास, दूसरी बार105IAS

दिव्या तंवर का सफर यह साबित करता है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है।

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दिव्या तंवर को 2021 में UPSC परीक्षा के बाद IPS के लिए मणिपुर कैडर अलॉट किया गया था। हालांकि, उन्हें इस कैडर पर कार्यभार नहीं मिल पाया। इसकी वजह उनके EWS (Economically Weaker Section) प्रमाण पत्र में कुछ त्रुटियां थीं। EWS प्रमाण पत्र सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण के लिए आवश्यक होता है, और इसमें पाई गई किसी भी गलती के कारण चयन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

अब दिव्या तंवर ने अपनी तैयारी दोबारा शुरू कर दी है और उम्मीद है कि आने वाले समय में वे अपने प्रदर्शन को और बेहतर करके UPSC में टॉप 50 में स्थान बना सकती हैं। उनकी इस मेहनत और धैर्य से यह साफ झलकता है कि वे चुनौतियों से हार मानने के बजाय और मजबूत होकर वापसी की तैयारी में जुटी हैं​

उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि असफलताएं या रुकावटें किसी भी सफलता का अंत नहीं होतीं, बल्कि नई शुरुआत का अवसर होती हैं।

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दिव्या तंवर का सोशल मीडिया पर भी काफी प्रभाव है। नीचे उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स की सूची दी गई है:
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मलिंक
यूट्यूबDivya Tanwar Official YouTube
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