IAS Tina Dabi Marksheet : 22 साल में बनीं 2015 की टॉपर, जानें उनकी सफलता की कहानी

IAS Tina Dabi Marksheet : 22 साल में बनीं 2015 की टॉपर, जानें उनकी सफलता की कहानी

आईएएस टीना डाबी का नाम भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की सबसे प्रेरणादायक शख्सियतों में गिना जाता है। साल 2015 में उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल कर देशभर में अपना परचम लहराया। महज 22 साल की उम्र में इस मुकाम को हासिल करने वाली टीना डाबी की कहानी लाखों यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा है।

यूपीएससी की मेंस परीक्षा के दौरान उनकी मार्कशीट अक्सर चर्चा का विषय बन जाती है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण उनकी मार्कशीट और उनका रिजल्ट है। आइए जानते हैं उनकी विस्तृत मार्कशीट और इस सफलता के पीछे की कहानी।


IAS Tina Dabi Marksheet

Prelims Marks

IAS Tina Dabi Marksheet
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टीना डाबी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2015 में कुल 1063 अंक (2025 में से) प्राप्त किए थे। उनकी मार्कशीट का विवरण नीचे सारणी में दिया गया है:

परीक्षा खंडप्राप्तांकअधिकतम अंक
निबंध (Essay)145250
जीएस पेपर 1119250
जीएस पेपर 284250
जीएस पेपर 3111250
जीएस पेपर 4110250
वैकल्पिक विषय (पॉलिटिकल साइंस पेपर 1)128250
वैकल्पिक विषय (पॉलिटिकल साइंस पेपर 2)171250
लिखित परीक्षा का कुल योग8681750
इंटरव्यू (व्यक्तित्व परीक्षण)195275
कुल अंक10632025

टीना डाबी की सफलता के पीछे की प्रेरणा

टीना डाबी का जन्म भोपाल में हुआ था। उनके माता-पिता भी सरकारी सेवा में थे, जिससे उन्हें पढ़ाई और अनुशासन का महत्व बचपन से ही समझाया गया। दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन करते हुए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

टीना ने न केवल 2015 UPSC परीक्षा टॉप की, बल्कि लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उनके अनुशासन, लगन और रणनीति ने उन्हें यह मुकाम हासिल करने में मदद की।


परिवार और निजी जीवन

टीना डाबी ने आईएएस अधिकारी डॉ. प्रदीप गवांडे से शादी की। उनकी बहन रिया डाबी ने भी उनके नक्शे-कदम पर चलते हुए यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस बनीं।


टीना की कहानी से प्रेरणा

टीना डाबी की कहानी हर उस उम्मीदवार के लिए प्रेरणा है जो यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाना चाहता है। उनकी मार्कशीट यह साबित करती है कि अगर मेहनत और रणनीति सही हो, तो सपनों को साकार किया जा सकता है।


“संघर्ष से सफलता तक” की यह कहानी हर यूपीएससी उम्मीदवार को अपने लक्ष्य की ओर प्रेरित करती है।

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