MPPSC Protest : MPPCS की तैयारी करने वाले आखिरकार चाहते क्या हैं ?
MPPSC अभ्यर्थियों का आंदोलन: मांगें, घटनाक्रम और आयोग की प्रतिक्रिया
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के अभ्यर्थी इंदौर स्थित आयोग कार्यालय के बाहर अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। यह प्रदर्शन 18 दिसंबर 2024 से जारी है, जिसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए छात्र शामिल हो रहे हैं।

अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें:
- 87/13 फॉर्मूला समाप्ति: अभ्यर्थी आयोग द्वारा परिणाम जारी करने में अपनाए गए 87/13 फॉर्मूले को समाप्त कर सभी परिणाम 100% जारी करने की मांग कर रहे हैं।
क्या है 87/13 का फॉर्मूला?
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया में 87/13 का फॉर्मूला नियुक्ति के लिए अपनाया जाने वाला एक फॉर्मूला है। इसके तहत 87% पदों पर भर्ती सामान्य होगा। इनमें से 16% पद एससी, 20% पद एसटी, 14% पद ओबीसी, और बाकी 37% पद अनारक्षित वर्ग के लिए होंगे। शेष 13% पदों पर इतने ही अनारक्षित और इतने ही ओबीसी कैटेगरी के उम्मीदवार चुने जाएंगे। - मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की सार्वजनिकता: छात्र 2019 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं सार्वजनिक करने और मार्कशीट जारी करने की मांग कर रहे हैं।
- पदों की संख्या में वृद्धि: आगामी MPPSC 2025 राज्य सेवा में 700 और वन सेवा में 100 पदों के साथ अधिसूचना जारी करने की मांग की जा रही है।
- मुख्य परीक्षा परिणाम जारी करना: 2023 राज्य सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम शीघ्र जारी करने की मांग की जा रही है।
- भर्ती प्रक्रिया में सुधार: अभ्यर्थी आयोग की भर्ती प्रक्रिया में सुधार की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न उत्पन्न हों।
आंदोलन का विस्तार और समर्थन:
कड़ाके की ठंड के बावजूद, अभ्यर्थी आयोग कार्यालय के बाहर डटे हुए हैं। आंदोलन को प्रदेश स्तर पर समर्थन मिल रहा है, जिसमें इंदौर के आसपास के छात्र भी शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित अन्य नेताओं ने भी छात्रों के बीच पहुंचकर समर्थन व्यक्त किया है।

आयोग की प्रतिक्रिया:
अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल की आयोग के अधिकारियों से मुलाकात बेनतीजा रही। आयोग का कहना है कि छात्रों की मांगों का फैसला न्यायालय और सरकार के विभिन्न प्रकरणों में विचाराधीन है, इसलिए वे तत्काल कोई निर्णय नहीं ले सकते।
आंदोलन की वर्तमान स्थिति:
अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं या आयोग द्वारा लिखित समाधान नहीं दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन के अगले चरण में अनिश्चितकालीन अनशन की योजना भी बनाई गई है।
इस आंदोलन ने प्रदेश में शिक्षा और भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। छात्रों की मांग है कि आयोग उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करे, ताकि वे अपने भविष्य की तैयारी सुचारु रूप से जारी रख सकें।

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