UPSC Syllabus : IAS की तैयारी करने वालों को UPSC Syllabus जरूर देखना चाहिए

UPSC Syllabus

IAS (Indian Administrative Service) परीक्षा, जिसे आमतौर पर UPSC (Union Public Service Commission) सिविल सेवा परीक्षा कहा जाता है, तीन चरणों में होती है:

  1. प्रारंभिक परीक्षा (Prelims)
  2. मुख्य परीक्षा (Mains)
  3. साक्षात्कार (Interview)
upsc syllabus
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1. प्रारंभिक परीक्षा (Prelims)

प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं, जो वस्तुनिष्ठ (Objective) होते हैं:

UPSC सिविल सेवा परीक्षा के प्रारंभिक चरण (Preliminary Exam) में दो पेपर होते हैं। यह चरण वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रकार का होता है और इसके अंक मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किए जाते हैं, लेकिन इसके आधार पर उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए चयनित किया जाता है। इसे स्क्रीनिंग टेस्ट भी कहा जाता है। नीचे विस्तार से दोनों पेपरों का विवरण दिया गया है:

पेपर 1: सामान्य अध्ययन (General Studies) – 200 अंक

इसमें निम्नलिखित विषय शामिल होते हैं:

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएँ
  • भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
  • भारत और विश्व का भूगोल – भारत का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल
  • भारतीय संविधान, शासन व्यवस्था, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे
  • आर्थिक और सामाजिक विकास – गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल
  • पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन जैसे सामान्य मुद्दे
  • सामान्य विज्ञान

पेपर 2: सीसैट (CSAT) – 200 अंक (क्वालिफाइंग)

  • तार्किक तर्क (Logical reasoning)
  • संख्यात्मक योग्यता (Numerical ability)
  • अंग्रेजी समझ (Comprehension)
  • निर्णय लेने और समस्या समाधान

प्रारंभिक परीक्षा में कट-ऑफ पेपर 1 के आधार पर तय की जाती है। पेपर 2 क्वालिफाइंग होता है, इसमें न्यूनतम 33% अंक आवश्यक होते हैं।

पेपर 1: सामान्य अध्ययन (General Studies) – 200 अंक

यह पेपर उम्मीदवार की सामान्य ज्ञान, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समझ, ऐतिहासिक और सामाजिक घटनाओं, तथा समसामयिक मुद्दों के प्रति जागरूकता की परख करता है। इस पेपर में 200 अंकों के लिए 100 प्रश्न होते हैं। इसमें नकारात्मक अंकन (Negative Marking) होता है, यानी गलत उत्तर देने पर कुल अंक काटे जाते हैं (प्रत्येक प्रश्न के लिए 1/3 अंक की कटौती होती है)।

पेपर 1 में आने वाले प्रमुख विषय निम्नलिखित हैं:

1. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएँ (Current Events of National and International Importance):

  • भारत और विश्व में हो रही समसामयिक घटनाओं की जानकारी
  • राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों की प्रमुख घटनाएँ
  • महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, खेल आयोजन, पुरस्कार, और अन्य प्रमुख घटनाएँ

2. भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन (History of India and Indian National Movement):

  • प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारतीय इतिहास:
    • प्राचीन भारत की सभ्यताएँ (सिंधु घाटी, वैदिक सभ्यता)
    • गुप्त, मौर्य, और अन्य प्रमुख साम्राज्य
    • मुगल काल, मराठा, और दक्षिण भारत का इतिहास
  • भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन:
    • 1857 का विद्रोह, कांग्रेस की स्थापना और स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न चरण
    • महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेहरू, सुभाष चंद्र बोस जैसे प्रमुख नेताओं की भूमिका

3. भारत और विश्व का भूगोल (Geography of India and the World):

  • भारत का भौतिक भूगोल:
    • जलवायु, नदियाँ, पहाड़ियाँ, रेगिस्तान, तटीय क्षेत्रों की जानकारी
    • प्रमुख नदियाँ, जलवायु परिवर्तन और मौसम से जुड़ी जानकारी
  • विश्व भूगोल:
    • महाद्वीपों, महासागरों और जलवायु क्षेत्रों की जानकारी
    • प्राकृतिक संसाधनों का वैश्विक वितरण
  • आर्थिक भूगोल: प्रमुख उद्योग, कृषि, और वैश्विक व्यापार संबंधी जानकारी

4. भारतीय संविधान, शासन व्यवस्था, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, और अधिकार मुद्दे (Indian Polity and Governance):

  • भारतीय संविधान के प्रमुख प्रावधान:
    • संविधान की स्थापना, मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य, और नीति निर्देशक सिद्धांत
  • राजनीतिक व्यवस्था:
    • भारतीय संसद, राज्य विधानसभाएँ, कार्यपालिका और न्यायपालिका का ढांचा
  • पंचायती राज व्यवस्था:
    • स्थानीय स्वशासन के प्रावधान और उनके अधिकार
  • सरकार की नीतियाँ:
    • सरकारी योजनाएँ, सार्वजनिक नीति के प्रमुख पहलू, और उनके समाज पर प्रभाव

5. आर्थिक और सामाजिक विकास (Economic and Social Development):

  • गरीबी, जनसंख्या, और विकास:
    • गरीबी उन्मूलन की योजनाएँ, जनसंख्या नियंत्रण के उपाय, और विकास दर
  • समावेशन (Inclusion): समाज के सभी वर्गों के विकास से जुड़े पहलू
  • सामाजिक क्षेत्र की पहल: स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, बाल कल्याण

6. पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन (Environmental Ecology, Biodiversity, and Climate Change):

  • पर्यावरणीय पारिस्थितिकी:
    • पारिस्थितिकी तंत्र, खाद्य श्रृंखला, पारिस्थितिकी संतुलन, और जैव विविधता
  • पर्यावरण संरक्षण:
    • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रयास
  • जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के कारण और उसके प्रभाव

7. सामान्य विज्ञान (General Science):

  • भौतिकी, रसायन विज्ञान, और जीवविज्ञान के बुनियादी सिद्धांत
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति:
    • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान, मिसाइल प्रौद्योगिकी, बायोटेक्नोलॉजी, कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी

पेपर 2: सिविल सेवा अभिवृत्ति परीक्षा (CSAT – Civil Services Aptitude Test) – 200 अंक

IAS Full Form
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पेपर 2, जिसे CSAT कहा जाता है, क्वालिफाइंग प्रकृति का होता है। इसका मतलब है कि उम्मीदवार को इसमें केवल 33% अंक (66 अंक) लाने होते हैं। इसका उद्देश्य उम्मीदवार की तार्किक, विश्लेषणात्मक और निर्णय लेने की क्षमता की परख करना होता है। यह पेपर भी वस्तुनिष्ठ प्रकार का होता है और इसमें 80 प्रश्न होते हैं। इसमें भी नकारात्मक अंकन (Negative Marking) होता है, हर गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक की कटौती होती है।

पेपर 2 में आने वाले प्रमुख विषय निम्नलिखित हैं:

1. तार्किक तर्क (Logical Reasoning and Analytical Ability):

  • तर्क शक्ति:
    • तार्किक तर्क पर आधारित प्रश्न, जिसमें सापेक्ष, कथन और निष्कर्ष, आरेख आदि शामिल होते हैं
  • विश्लेषणात्मक क्षमता:
    • विभिन्न प्रकार के तर्कसंगत और गणितीय सवाल जैसे समीकरण, असमीकरण

2. संख्यात्मक योग्यता (Numerical Ability):

  • गणितीय समस्याएँ:
    • प्रतिशत, अनुपात और समानुपात, समय और कार्य, लाभ और हानि
  • डेटा इंटरप्रिटेशन (Data Interpretation):
    • चार्ट, ग्राफ़, तालिका आदि के आधार पर प्रश्न

3. अंग्रेजी समझ (Comprehension):

  • पठन समझ:
    • अंग्रेजी भाषा में पैराग्राफ आधारित प्रश्न, जिसमें पैराग्राफ के आधार पर प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं
  • व्याकरणीय सही उत्तर:
    • सही उत्तर चुनने के लिए अंग्रेजी भाषा का सामान्य ज्ञान

4. निर्णय लेने और समस्या समाधान (Decision Making and Problem Solving):

  • निर्णय लेने की क्षमता:
    • परिस्थितियों पर आधारित निर्णय लेने वाले प्रश्न, जहाँ तर्क और विश्लेषण पर आधारित निर्णय लेना होता है
  • समस्या समाधान:
    • जटिल समस्याओं को हल करने के लिए तर्क और व्यावहारिक दृष्टिकोण का उपयोग

प्रारंभिक परीक्षा की महत्वपूर्ण बातें:

  • पेपर 1 के अंकों के आधार पर ही मुख्य परीक्षा के लिए कट-ऑफ तय की जाती है।
  • पेपर 2 (CSAT) में केवल 33% अंक प्राप्त करना आवश्यक होता है, यह केवल क्वालिफाइंग होता है।
  • समय सीमा: प्रत्येक पेपर के लिए 2 घंटे का समय दिया जाता है।

 

2. मुख्य परीक्षा (Mains)

मुख्य परीक्षा में 9 पेपर होते हैं, जो वर्णनात्मक (Descriptive) होते हैं। इनमें से 7 पेपर मेरिट के लिए गिने जाते हैं, और 2 भाषा पेपर केवल क्वालिफाइंग होते हैं।

(A) क्वालिफाइंग पेपर

  1. भारतीय भाषा – 300 अंक (UPSC द्वारा दी गई भाषाओं में से एक का चयन)
  2. अंग्रेजी भाषा – 300 अंक

(B) मेरिट के लिए गिने जाने वाले पेपर

  1. निबंध (Essay) – 250 अंक
  2. सामान्य अध्ययन I – 250 अंक (भारतीय धरोहर, संस्कृति, इतिहास और भूगोल)
  3. सामान्य अध्ययन II – 250 अंक (शासन, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय संबंध)
  4. सामान्य अध्ययन III – 250 अंक (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन)
  5. सामान्य अध्ययन IV – 250 अंक (नैतिकता, ईमानदारी और अभिरुचि)
  6. वैकल्पिक विषय – पेपर I – 250 अंक
  7. वैकल्पिक विषय – पेपर II – 250 अंक

वैकल्पिक विषय उम्मीदवार अपनी रुचि के अनुसार चुन सकता है। विकल्पों में साहित्य, समाजशास्त्र, इतिहास, भूगोल, गणित, भौतिकी आदि कई विषय होते हैं।


UPSC सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा (Mains) में सामान्य अध्ययन (General Studies) के 4 पेपर होते हैं, जिनमें प्रत्येक 250 अंकों का होता है। यह पेपर वर्णनात्मक (Descriptive) होते हैं और उम्मीदवारों की गहन ज्ञान, तर्कशक्ति, विश्लेषण क्षमता और समसामयिक मुद्दों पर दृष्टिकोण को परखते हैं।

नीचे इन चारों सामान्य अध्ययन पेपरों का विस्तृत सिलेबस दिया गया है:

सामान्य अध्ययन I (General Studies I) – 250 अंक

1. भारतीय संस्कृति:

  • प्राचीन से आधुनिक काल तक के प्रमुख पहलू
  • भारतीय कला, साहित्य और वास्तुकला की महत्वपूर्ण विशेषताएँ

2. भारत का इतिहास:

  • आधुनिक भारतीय इतिहास:
    • 18वीं सदी के मध्य से लेकर वर्तमान तक के महत्वपूर्ण घटनाक्रम, व्यक्तिगत योगदान, और स्वतंत्रता संग्राम
  • संघर्ष की विभिन्न अवस्थाएँ और इससे जुड़े राष्ट्रीय नेताओं का योगदान
  • 19वीं सदी का सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन: भारतीय समाज में सुधार आंदोलनों और उनसे जुड़े नेताओं का योगदान
  • स्वतंत्रता के बाद भारत का इतिहास: विभाजन, एकीकरण, और नीतियाँ
  • विश्व इतिहास:
    • 18वीं सदी से लेकर वर्तमान तक की प्रमुख घटनाएँ: औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद का अंत, और राष्ट्रीय सीमाओं का पुनर्गठन

3. भारतीय समाज:

  • भारतीय समाज के प्रमुख पहलू
  • महिलाओं की स्थिति, जनसंख्या, गरीबी, और विकास से जुड़े मुद्दे
  • वैश्वीकरण के प्रभाव, सामाजिक सशक्तिकरण, सामुदायिकता, जातिवाद, क्षेत्रवाद, और धर्मनिरपेक्षता

4. भूगोल:

  • भारत और विश्व का भूगोल:
    • विश्व के भौतिक भूगोल के महत्वपूर्ण पहलू
    • प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (भारत और विश्व में)
    • प्रमुख उद्योग और उनके स्थान
    • भारत में भू-भौतिकीय विशेषताएँ (जलवायु, नदियाँ, जल, खनिज, वन, कृषि)

सामान्य अध्ययन II (General Studies II) – 250 अंक

1. शासन:

  • भारतीय संविधान के ऐतिहासिक पहलू, विकास, और प्रमुख विशेषताएँ
  • संघीय ढांचा, केंद्र-राज्य संबंध, न्यायपालिका की भूमिका, और संविधान में संशोधन
  • कार्यकारी, विधायिका, न्यायपालिका की संरचना, कार्य, जिम्मेदारियाँ

2. राजनीति:

  • पंचायती राज, स्थानीय प्रशासन, और स्वायत्तता के मुद्दे
  • भारत में शासन से जुड़े चुनौतियाँ: पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, भ्रष्टाचार विरोधी उपाय
  • सरकारी नीतियों का विश्लेषण

3. राजनीतिक सिद्धांत:

  • लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, नागरिक समाज और सरकारी संस्थानों का कामकाज
  • संघीय शासन प्रणाली के तहत केंद्र और राज्य के बीच अधिकारों का बंटवारा

4. अंतरराष्ट्रीय संबंध:

  • भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच संबंध
  • द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और समझौते जिनका भारत पर असर है
  • अंतरराष्ट्रीय संस्थान: UN, WTO, IMF, World Bank आदि

सामान्य अध्ययन III (General Studies III) – 250 अंक

1. प्रौद्योगिकी:

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हाल की प्रगति
  • भारत में नई तकनीकों का उपयोग, उनके लाभ और चुनौतियाँ

2. आर्थिक विकास:

  • भारतीय अर्थव्यवस्था: योजना, संसाधनों की गतिशीलता, विकास के मुद्दे
  • कृषि, उद्योग, आधारभूत संरचना, और विकास की प्रमुख योजनाएँ
  • उदारीकरण के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था

3. पर्यावरण:

  • पर्यावरण संरक्षण के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहल
  • जैव विविधता और इसके संरक्षण से जुड़े मुद्दे
  • जलवायु परिवर्तन, वनस्पति और वन्यजीव संरक्षण

4. आपदा प्रबंधन:

  • आपदा की विभिन्न श्रेणियाँ: प्राकृतिक और मानव निर्मित
  • आपदा प्रबंधन की तकनीकें और विधियाँ
  • आपदा से जुड़ी संस्थाएँ और उनकी भूमिका

5. सुरक्षा और आंतरिक चुनौतियाँ:

  • बाह्य और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियाँ
  • आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, सीमा सुरक्षा
  • भारत की रक्षा तंत्र और नीतियाँ

सामान्य अध्ययन IV (General Studies IV) – 250 अंक

1. नैतिकता और ईमानदारी:

  • सार्वजनिक और निजी जीवन में नैतिकता की अवधारणा
  • नैतिक मुद्दे: ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, नैतिकता के सिद्धांत
  • शासन में नैतिकता: शासन प्रक्रिया में नैतिक मुद्दे, भ्रष्टाचार और नैतिक नेतृत्व

2. नैतिकता के विचारक:

  • भारतीय और पश्चिमी नैतिक विचारक और उनके नैतिक सिद्धांत
  • महान विचारकों के विचार और उनके नैतिक दृष्टिकोण

3. प्रशासनिक नैतिकता:

  • सिविल सेवाओं में ईमानदारी, निष्पक्षता, निष्पक्ष सेवा, और जिम्मेदारी
  • सिविल सेवक के तौर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में नैतिकता का महत्व

4. अभिरुचि और लोक सेवा मूल्य:

  • लोक सेवा में अभिरुचि और लोक सेवक के रूप में जिम्मेदारियाँ
  • सार्वजनिक सेवा में नैतिक नेतृत्व, समाज के लिए सेवा का भाव

5. समस्या समाधान (Case Studies):

  • विभिन्न सामाजिक और प्रशासनिक समस्याओं पर अध्ययन करके समाधान ढूंढना
  • वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में नैतिक मुद्दों का मूल्यांकन

 

3. साक्षात्कार (Interview)

UPSC सिविल सेवा परीक्षा का साक्षात्कार (Interview) या व्यक्तित्व परीक्षण परीक्षा का अंतिम चरण होता है। इस चरण का उद्देश्य उम्मीदवार की व्यक्तित्व विशेषताओं और उसके व्यावहारिक दृष्टिकोण का आकलन करना है। साक्षात्कार 275 अंकों का होता है, और इसे मुख्य परीक्षा (Mains) के अंकों के साथ मिलाकर अंतिम मेरिट सूची तैयार की जाती है। यह साक्षात्कार UPSC के अनुभवी पैनल द्वारा लिया जाता है, जिसमें उम्मीदवार के मानसिक और व्यक्तित्व गुणों की परख की जाती है।

साक्षात्कार का उद्देश्य:

साक्षात्कार का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि क्या उम्मीदवार में एक आदर्श सिविल सेवक बनने की आवश्यक क्षमताएँ और गुण मौजूद हैं। यह केवल तथ्यों के ज्ञान की परख नहीं होती, बल्कि उम्मीदवार के व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है। पैनल यह देखता है कि उम्मीदवार में:

  • मनोवैज्ञानिक स्थिरता है या नहीं,
  • सामाजिक समझ है या नहीं,
  • आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता है या नहीं,
  • तर्कशक्ति और संतुलित दृष्टिकोण है या नहीं।

साक्षात्कार के प्रमुख पहलू:

साक्षात्कार में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है, जैसे:

  1. व्यक्तित्व का आकलन (Personality Assessment):
    • उम्मीदवार का आत्मविश्वास, आत्मसंयम और उसकी सोचने-समझने की क्षमता।
    • उसे कितनी अच्छी तरह से अपने विचारों को व्यक्त करने की क्षमता है।
    • उसके पास दूसरों के दृष्टिकोण को समझने और उनके प्रति संवेदनशीलता दिखाने की क्षमता।
    • उसका आचरण और बर्ताव कितना संतुलित और ईमानदार है।
  2. मानसिक क्षमता (Mental Ability):
    • तर्कसंगत सोच और तार्किक क्षमता का आकलन किया जाता है।
    • प्रश्नों पर त्वरित और सटीक जवाब देने की क्षमता।
    • कठिन परिस्थितियों में निर्णय लेने की योग्यता और समस्या-समाधान की क्षमता।
  3. सामाजिक समझ (Social Awareness):
    • समाज और उसके विभिन्न पहलुओं के प्रति समझ और संवेदनशीलता।
    • सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर उसका दृष्टिकोण।
    • समाज के विभिन्न वर्गों, उनकी समस्याओं, और उनके समाधान के बारे में जानकारी।
  4. नेतृत्व क्षमता (Leadership Qualities):
    • एक नेता के रूप में जिम्मेदारी निभाने और फैसले लेने की क्षमता।
    • कठिन परिस्थितियों में टीम को मार्गदर्शन देने की क्षमता।
    • सार्वजनिक जीवन में नेतृत्व और समाज के प्रति अपनी भूमिका की समझ।
  5. तार्किक दृष्टिकोण (Balanced Judgement):
    • भावनात्मक संतुलन और कठिन परिस्थितियों में भी शांति और विवेक से निर्णय लेने की योग्यता।
    • किसी भी स्थिति में बिना पक्षपात के संतुलित और व्यावहारिक निर्णय लेने की क्षमता।
  6. प्रशासनिक क्षमताएँ (Administrative Qualities):
    • प्रशासनिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए आवश्यक गुण जैसे कि धैर्य, अनुशासन, और समाज के लिए सेवा का भाव।
    • सरकारी योजनाओं और नीतियों का प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन करने की क्षमता।
  7. सामयिक मुद्दों पर दृष्टिकोण (Current Affairs and General Awareness):
    • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समसामयिक मुद्दों के प्रति जागरूकता।
    • आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर दृष्टिकोण।
    • सरकारी योजनाओं और नीतियों का गहरा ज्ञान।

साक्षात्कार की प्रक्रिया:

साक्षात्कार की प्रक्रिया बहुत ही व्यावहारिक और लचीली होती है। इसमें उम्मीदवार से किसी भी विषय पर सवाल पूछे जा सकते हैं, चाहे वह:

  • उनके शैक्षिक पृष्ठभूमि से संबंधित हो,
  • समसामयिक घटनाएँ या राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दे हों,
  • या फिर नैतिक और व्यवहारिक परिस्थितियों से संबंधित प्रश्न।

साक्षात्कार में पूछे जाने वाले प्रश्न:

  1. शैक्षिक और पेशेवर पृष्ठभूमि से जुड़े प्रश्न:
    • उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता, विषयों की जानकारी, और उनकी रुचियों पर आधारित।
    • यदि उम्मीदवार ने किसी विषय में विशेष अध्ययन या शोध किया है, तो उससे जुड़े प्रश्न।
  2. समसामयिक घटनाएँ:
    • हाल की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर विचार और उनका विश्लेषण।
    • आर्थिक नीतियों, विदेश नीति, और सामाजिक मुद्दों पर उनके विचार।
  3. नैतिक दुविधाएँ और परिस्थितियाँ:
    • उम्मीदवार से ऐसी परिदृश्यों पर प्रश्न पूछे जाते हैं, जहाँ नैतिकता और प्रशासनिक दक्षता की परीक्षा ली जाती है।
    • उदाहरण: “यदि आप एक जिलाधिकारी हैं और आपको एक भ्रष्ट अधिकारी की शिकायत मिलती है, तो आप क्या करेंगे?”
  4. आत्मविश्लेषण और प्रेरणाएँ:
    • उम्मीदवार से उसकी खुद की क्षमताओं और कमजोरियों के बारे में पूछा जाता है।
    • UPSC में शामिल होने की प्रेरणा और एक सिविल सेवक के रूप में समाज में योगदान की उनकी दृष्टि।

साक्षात्कार के लिए तैयारी:

  1. व्यक्तित्व विकास: साक्षात्कार में व्यक्तित्व सबसे अहम पहलू होता है, इसलिए उम्मीदवार को आत्मविश्वासी और संतुलित होना चाहिए। आचरण में शालीनता और शिष्टता बनाए रखना ज़रूरी है।
  2. समसामयिक घटनाओं पर जानकारी: समसामयिक घटनाओं और उनसे जुड़े मुद्दों पर अच्छी समझ होनी चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ना, सरकारी रिपोर्ट और पत्रिकाओं का अध्ययन करना आवश्यक है।
  3. मॉक इंटरव्यू: मॉक इंटरव्यू साक्षात्कार की तैयारी में काफी मददगार होते हैं। इससे उम्मीदवार को आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलती है और वह अपने उत्तरों को और बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने में सक्षम हो सकता है।
  4. नैतिक और व्यावहारिक प्रश्नों पर ध्यान: उम्मीदवार को नैतिकता और प्रशासनिक परिदृश्यों से जुड़े सवालों का व्यावहारिक और संतुलित उत्तर देने की तैयारी करनी चाहिए।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • साक्षात्कार का कोई निश्चित पाठ्यक्रम नहीं होता, लेकिन उम्मीदवार को समसामयिक मुद्दों, प्रशासनिक दक्षता, और समाज के प्रति संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए खुद को तैयार करना चाहिए।
  • साक्षात्कार में उम्मीदवार की स्मार्टनेस, तर्कशक्ति, और आत्मविश्वास पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
  • यह भी देखा जाता है कि उम्मीदवार का दृष्टिकोण सकारात्मक है और वह समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार और जागरूक है या नहीं।

साक्षात्कार का अंतिम परिणाम मुख्य परीक्षा के अंकों के साथ जोड़कर अंतिम मेरिट सूची तैयार की जाती है, और इसके आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।

कुल अंक:

मुख्य परीक्षा (1750 अंक) + साक्षात्कार (275 अंक) = 2025 अंक

 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में चार मुख्य रणनीतियाँ अपनानी जरूरी होती हैं: समाचार पत्र पढ़ना, NCERT की किताबों का अध्ययन, लेखन अभ्यास और मॉक टेस्ट। यह सभी पहलू परीक्षा की मांगों के अनुसार उम्मीदवार के ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास को विकसित करने में सहायक होते हैं। चलिए इन चार रणनीतियों को विस्तार से समझते हैं:


1. समाचार पत्र पढ़ें: समसामयिक घटनाओं के लिए

समसामयिक घटनाओं का ज्ञान सिविल सेवा परीक्षा के सभी चरणों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, चाहे वह प्रारंभिक परीक्षा हो, मुख्य परीक्षा या साक्षात्कार। समाचार पत्र पढ़ने की आदत न केवल आपको समसामयिक घटनाओं के प्रति जागरूक रखेगी, बल्कि आपकी विश्लेषणात्मक क्षमता और दृष्टिकोण को भी मजबूत करेगी।

समाचार पत्र पढ़ने की रणनीति:

  • प्रमुख समाचार पत्र: द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, दैनिक जागरण (हिंदी माध्यम के लिए) जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्र पढ़ें।
  • समसामयिक विषयों पर ध्यान केंद्रित करें: राजनीति, सामाजिक मुद्दे, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरराष्ट्रीय संबंध, पर्यावरण, और आर्थिक विकास से जुड़े समाचार।
  • संपादकीय लेख पढ़ें: संपादकीय लेख पढ़ने से आपको गहराई से विश्लेषण करना और विभिन्न दृष्टिकोणों को समझने की आदत विकसित होगी।
  • समाचार नोट्स तैयार करें: महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में नोट्स बनाएं। यह नोट्स मुख्य परीक्षा के लिए निबंध और साक्षात्कार में आपकी मदद करेंगे।

किन विषयों पर ध्यान देना चाहिए:

  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाएँ: जैसे सरकारी नीतियाँ, अंतरराष्ट्रीय समझौते, वैश्विक संगठन (UN, WHO, IMF आदि) की रिपोर्ट और सम्मेलन।
  • आर्थिक विकास और नीतियाँ: बजट, आर्थिक सर्वेक्षण, सरकार की नई योजनाएँ और नीतिगत सुधार।
  • पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन: पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और संबंधित सरकारी पहल।

2. NCERT की किताबें: प्रारंभिक तैयारी के लिए महत्वपूर्ण

NCERT की किताबें सिविल सेवा परीक्षा की बुनियादी तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, क्योंकि ये किताबें स्पष्ट, सरल और सटीक जानकारी प्रदान करती हैं। NCERT की किताबें छात्रों को जटिल मुद्दों को समझने में मदद करती हैं, खासकर प्रारंभिक परीक्षा के लिए।

NCERT किताबें क्यों महत्वपूर्ण हैं:

  • सभी विषयों की मूलभूत जानकारी: NCERT किताबें उम्मीदवारों को इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थशास्त्र, और विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों की ठोस नींव प्रदान करती हैं।
  • आसान भाषा और प्रस्तुति: NCERT किताबें सरल और सीधी भाषा में लिखी होती हैं, जो किसी भी विषय को गहराई से समझने में मदद करती हैं।
  • प्रारंभिक परीक्षा में सीधे प्रश्न: UPSC के प्रारंभिक परीक्षा में अक्सर NCERT से सीधे प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए इन्हें पढ़ना अनिवार्य है।

कौन-कौन सी NCERT किताबें पढ़नी चाहिए:

  • इतिहास: कक्षा 6 से 12 तक की NCERT की इतिहास की किताबें।
  • भूगोल: कक्षा 6 से 12 की NCERT की भूगोल की किताबें।
  • भारतीय संविधान और राजनीति: कक्षा 9 से 12 की राजनीति विज्ञान की NCERT किताबें।
  • अर्थशास्त्र: कक्षा 9 से 12 की NCERT की अर्थशास्त्र की किताबें।
  • सामान्य विज्ञान: कक्षा 6 से 10 की विज्ञान की NCERT किताबें।

अध्ययन की विधि:

  • एक-एक किताब को पढ़ने के बाद उसका सारांश (Summary) तैयार करें।
  • महत्वपूर्ण तथ्यों और तिथियों को नोट करें, खासकर इतिहास और भूगोल के लिए।
  • विषयों को अच्छी तरह से समझें और उन पर सवालों के जवाब देने का अभ्यास करें।

3. आवश्यक लेखन अभ्यास: मुख्य परीक्षा के लिए

मुख्य परीक्षा (Mains) लिखित रूप में होती है और इसमें उम्मीदवार की लेखन कौशल का परीक्षण होता है। इसलिए, लेखन अभ्यास मुख्य परीक्षा के लिए बहुत जरूरी होता है। लेखन क्षमता विकसित करने के लिए यह आवश्यक है कि उम्मीदवार नियमित रूप से उत्तर लिखने का अभ्यास करें।

लेखन अभ्यास की जरूरत:

  • उत्तर की संरचना: आपको सवालों के जवाब कैसे लिखने हैं, इसकी एक स्पष्ट संरचना विकसित करनी होगी। इसका मतलब है कि उत्तर की शुरुआत, मुख्य भाग, और निष्कर्ष को व्यवस्थित तरीके से पेश करना।
  • समय प्रबंधन: मुख्य परीक्षा में सीमित समय में लंबे उत्तर लिखने होते हैं, इसलिए समय का प्रबंधन बहुत जरूरी है। नियमित लेखन अभ्यास से आप समय के भीतर सटीक उत्तर लिखने की क्षमता विकसित कर सकते हैं।
  • सटीकता और संक्षिप्तता: उत्तरों को संक्षिप्त, सटीक और प्रासंगिक रखना बहुत जरूरी है। अनावश्यक जानकारी देने से बचें।
  • विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण: मुख्य परीक्षा में सिर्फ तथ्यों का वर्णन करना पर्याप्त नहीं होता; आपको तथ्यों का विश्लेषण करके निष्कर्ष निकालने की क्षमता विकसित करनी होगी।

लेखन अभ्यास के सुझाव:

  • प्रश्न पत्रों का हल करें: पिछले वर्षों के UPSC के मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्रों को हल करें।
  • प्रति दिन एक उत्तर लिखें: एक दिन में एक प्रश्न का उत्तर लिखने की आदत डालें। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ा सकते हैं।
  • निबंध लेखन का अभ्यास: UPSC में निबंध पेपर भी होता है, इसलिए सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक मुद्दों पर निबंध लिखने का अभ्यास करें।

4. मॉक टेस्ट: आत्म-विश्लेषण के लिए

मॉक टेस्ट सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में आत्म-विश्लेषण का सबसे महत्वपूर्ण तरीका होते हैं। यह उम्मीदवार को अपनी तैयारी के स्तर का विश्लेषण करने और उन क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करता है जहाँ सुधार की आवश्यकता है।

मॉक टेस्ट के फायदे:

  • वास्तविक परीक्षा का अनुभव: मॉक टेस्ट आपको UPSC परीक्षा के माहौल और प्रारूप से परिचित कराता है।
  • समय प्रबंधन: मॉक टेस्ट देने से आप अपनी गति को बढ़ाने और सीमित समय में अधिक प्रश्न हल करने की क्षमता विकसित कर सकते हैं।
  • कमजोरियों की पहचान: मॉक टेस्ट से यह पता चलता है कि किन विषयों में आपकी पकड़ कमजोर है, और आप उन्हें सुधारने की दिशा में काम कर सकते हैं।
  • सटीकता में सुधार: मॉक टेस्ट में गलत उत्तर देने से नकारात्मक अंक मिलते हैं, इसलिए इससे आपकी सटीकता और सही उत्तर देने की क्षमता में सुधार होता है।

मॉक टेस्ट का उपयोग कैसे करें:

  • प्रारंभिक परीक्षा के लिए मॉक टेस्ट: प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) के लिए नियमित मॉक टेस्ट हल करें, जिससे आपकी गति और सटीकता दोनों में सुधार हो।
  • मुख्य परीक्षा के लिए मॉक टेस्ट: मुख्य परीक्षा (Mains) के लिए उत्तर लेखन मॉक टेस्ट का अभ्यास करें। मॉक टेस्ट का विश्लेषण करें और अपनी कमजोरियों पर काम करें।
  • ऑनलाइन टेस्ट सीरीज: कई संस्थान ऑनलाइन मॉक टेस्ट सीरीज प्रदान करते हैं, जिनसे आप घर बैठे अपनी तैयारी का मूल्यांकन कर सकते हैं।

समग्र रणनीति:

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए धैर्य, निरंतरता, और समर्पण की जरूरत होती है। यह चार रणनीतियाँ — समाचार पत्र पढ़ना, NCERT किताबों का अध्ययन, लेखन अभ्यास, और मॉक टेस्ट — आपके लिए सफलता की ओर एक ठोस आधार तैयार करेंगी।

IAS FULL FORM
IAS FULL FORM

The IAS (Indian Administrative Service) exam, commonly called the UPSC (Union Public Service Commission) Civil Services Exam, is conducted in three stages:

Prelims

Mains

Interview

1. Prelims

The Preliminary Exam consists of two papers, which are objective:

The UPSC Civil Services Exam Preliminary stage consists of two papers. This stage is objective type and its marks are not included in the main exam, but on the basis of this, candidates are selected for the main exam. It is also called the screening test. Below is a detailed description of both the papers:

Paper 1: General Studies – 200 marks

It covers the following topics:

Current events of national and international importance

History of India and Indian National Movement

Geography of India and World – Physical, Social, Economic Geography of India

Indian Constitution, Governance, Political System, Panchayati Raj, Public Policy, Rights Issues

Economic and Social Development – ​​Poverty, Inclusion, Demographics, Social Sector Initiatives

General issues like Environmental Ecology, Biodiversity and Climate Change

General Science

Paper 2: CSAT – 200 marks (qualifying)

Logical reasoning

Numerical ability

English Comprehension

Decision making and problem solving

The cut-off in the preliminary exam is decided on the basis of Paper 1. Paper 2 is qualifying, minimum 33% marks are required.

Paper 1: General Studies – 200 marks

This paper tests the candidate’s general knowledge, understanding of national and international issues, historical and social events, and awareness of current issues. This paper consists of 100 questions for 200 marks. There is negative marking, i.e., total marks are deducted for each wrong answer (1/3 marks are deducted for each question).

Following are the major topics covered in Paper 1:

1. Current Events of National and International Importance:

Awareness of current events happening in India and the world

Major events in political, economic, social and scientific fields

Important national and international conferences, sports events, awards, and other major events

2. History of India and Indian National Movement:

Ancient, Medieval and Modern Indian History:

Civilizations of Ancient India (Indus Valley, Vedic Civilization)

Gupta, Maurya, and other major empires

Mughal period, Maratha, and history of South India

Indian National Movement:

Revolt of 1857, establishment of Congress and various phases of freedom struggle

Role of major leaders like Mahatma Gandhi, Bhagat Singh, Nehru, Subhash Chandra Bose

3. Geography of India and the World:

Physical Geography of India:

Climate, rivers, hills, deserts, coastal areas

Major rivers, climate change and information related to weather
World Geography:
Information about continents, oceans, and climatic zones
Global distribution of natural resources
Economic Geography: Information related to major industries, agriculture, and global trade
4. Indian Constitution, Governance, Political System, Panchayati Raj, Public Policy, and Rights Issues (Indian Polity and Governance):
Major provisions of the Indian Constitution:
Establishment of the Constitution, Fundamental Rights, Fundamental Duties, and Directive Principles
Political System:
Structure of the Indian Parliament, State Legislatures, Executive, and Judiciary
Panchayati Raj System:
Provisions of local self-government and their rights
Government Policies:
Government schemes, major aspects of public policy, and their impact on society
5. Economic and Social Development:
Poverty, Population, and Development:
Poverty alleviation schemes, population control measures, and growth rate
Inclusion: Aspects related to the development of all sections of society
Social Sector Initiatives: Health, Education, Women Empowerment, Child Welfare
6. Environmental Ecology, Biodiversity and Environmental Ecology, Biodiversity, and Climate Change:
Environmental Ecology:
Ecosystem, Food Chain, Ecological Balance, and Biodiversity
Environmental Conservation:
Environmental conservation efforts at national and international level
Climate Change: Causes and effects of climate change
7. General Science:
Fundamentals of Physics, Chemistry, and Biology
Advancement of Science and Technology:
Indian Space Research, Missile Technology, Biotechnology, Computer and Information Technology
Paper 2: Civil Services Aptitude Test (CSAT) – 200 Marks

Paper 2, called CSAT, is qualifying in nature. This means that the candidate has to score only 33% marks (66 marks) in it. It aims to test the logical, analytical and decision-making ability of the candidate. This paper is also objective type and consists of 80 questions. There is negative marking in this also, 1/3 marks are deducted for every wrong answer.

The major topics covered in Paper 2 are as follows:

1. Logical Reasoning

1. Reasoning and Analytical Ability:

Questions based on logical reasoning, which includes conditionals, statements and conclusions, diagrams, etc.

Analytical Ability:
Various types of logical and mathematical questions like equations, inequalities
2. Numerical Ability:
Mathematical problems:
Percentage, ratio and proportion, time and work, profit and loss
Data Interpretation:
Questions based on charts, graphs, tables, etc.
3. English Comprehension:
Reading Comprehension:
Paragraph based questions in English language, where questions have to be answered based on paragraphs
Grammatically correct answer:
General knowledge of English language to choose the correct answer
4. Decision Making and Problem Solving:
Decision making ability:
Decision making questions based on situations, where decision has to be taken based on logic and analysis
Problem Solving:
Use of logic and practical approach to solve complex problems Uses

Key points of Preliminary Exam:

The cut-off for the main exam is decided based on the marks of Paper 1.

Paper 2 (CSAT) requires only 33% marks, it is qualifying only.

Time limit: 2 hours are given for each paper.

2. Mains

The main exam consists of 9 papers, which are descriptive. Out of these, 7 papers are counted for merit, and 2 language papers are qualifying only.

(A) Qualifying Paper
Indian Language – 300 Marks (Choose one of the languages ​​offered by UPSC)
English Language – 300 Marks
(B) Papers Counted for Merit
Essay – 250 Marks
General Studies I – 250 Marks (Indian Heritage, Culture, History and Geography)
General Studies II – 250 Marks (Governance, Constitution, Polity, Social Justice and International Relations)
General Studies III – 250 Marks (Technology, Economic Development, Biodiversity, Environment, Security and Disaster Management)
General Studies IV – 250 Marks (Ethics, Integrity and Aptitude)
Optional Subject – Paper I – 250 Marks
Optional Subject – Paper II – 250 Marks

The optional subject can be chosen by the candidate as per his interest. The options include many subjects like Literature, Sociology, History, Geography, Mathematics, Physics etc.

The UPSC Civil Services Mains exam consists of 4 General Studies papers, each carrying 250 marks. These papers are descriptive and test the candidates’ in-depth knowledge, reasoning, analytical ability and perspective on contemporary issues.

Below is the detailed syllabus of all the four General Studies papers:

General Studies I – 250 marks

1. Indian Culture:
Major aspects from ancient to modern times
Important features of Indian art, literature and architecture
2. History of India:
Modern Indian History:
Important developments from mid-18th century to present, individual contributions, and freedom struggle
Various stages of the struggle and the contribution of national leaders associated with it
Social and religious reform movements of the 19th century: Contribution of reform movements in Indian society and the leaders associated with them
History of India after Independence: Partition, integration, and policies
World History:
Major events from 18th century to present: Industrial Revolution, World Wars, Colonialism, decolonization, and reorganization of national boundaries
3. Indian Society:
Major aspects of Indian society
Status of women, population, poverty, and development issues
Effects of globalization, social empowerment, communalism, casteism, regionalism, and secularism
4. Geography:
India and the world Geography:
Important aspects of physical geography of the world
Distribution of natural resources (in India and the world)
Major industries and their location
Geophysical features in India (climate, rivers, water, minerals, forests, agriculture)
General Studies II – 250 marks
1. Governance:
Historical aspects, evolution, and salient features of the Indian Constitution
Federal structure, centre-state relations, role of judiciary, and amendments to the Constitution
Structure, functions, responsibilities of executive, legislature, judiciary
2. Politics:
Panchayati Raj, local administration, and issues of autonomy
Challenges in governance in India: transparency, accountability, anti-corruption measures
Analysis of government policies
3. Political theories:
Democracy, secularism, civil society, and functioning of government institutions
Separation of powers between the centre and the states under a federal system of governance
4. International relations:
Relations between India and its neighbouring countries
Bilateral, regional, and global groupings and agreements that have a bearing on India
International institutions: UN, WTO, IMF, World Bank etc.
General Studies III – 250 marks
1. Technology:
Recent advances in science and technology
Use of new technologies in India, their benefits and challenges
2. Economic Development:
Indian Economy: Planning, Mobilization of Resources, Development Issues
Agriculture, Industry, Infrastructure, and Major Development Schemes
Indian Economy after Liberalization
3. Environment:
National and International Initiatives for Environmental Protection
Biodiversity and Issues Related to Its Conservation
Climate Change, Flora and Wildlife Conservation
4. Disaster Management:
Different Categories of Disaster: Natural and Manmade
Techniques and Methods of Disaster Management
Institutions Related to Disaster and Their Role
5. Security and Inner Security

Rik Challenges:

External and internal security challenges

Terrorism, Cyber ​​Security, Border Security

India’s Defence Mechanism and Policies

General Studies IV – 250 Marks

1. Ethics and Integrity:

Concept of ethics in public and private life

Ethical issues: Honesty, integrity, principles of ethics

Ethics in governance: Ethical issues in governance process, corruption and ethical leadership

2. Ethical Thinkers:

Indian and Western ethical thinkers and their ethical theories

Thoughts of great thinkers and their ethical views

3. Administrative Ethics:

Integrity, fairness, impartial service, and responsibility in civil services

Importance of ethics in decision making process as a civil servant

4. Aptitude and Public Service Values:
Aptitude in public service and responsibilities as a public servant

Ethical leadership in public service, sense of service to society

5. Case Studies:

Studying and finding solutions to various social and administrative problems

Evaluating ethical issues in real life situations

3. Interview (Interview)

The interview or personality test of the UPSC Civil Services Exam is the last stage of the exam. The objective of this stage is to assess the personality characteristics of the candidate and his practical approach. The interview is of 275 marks, and it is combined with the marks of the Mains to prepare the final merit list. This interview is taken by an experienced panel of UPSC, in which the mental and personality qualities of the candidate are tested.

Purpose of the interview:

The main objective of the interview is to know whether the candidate has the necessary abilities and qualities to become an ideal civil servant. It is not just a test of knowledge of facts, but the personality of the candidate is tested. The panel sees whether the candidate has:

Psychological stability or not,
Social understanding or not,
Confidence and leadership ability or not,
Logic and balanced approach or not.

Key aspects of the interview:

Many important aspects are taken into consideration in the interview, such as:

Personality Assessment:

The candidate’s confidence, self-control and his ability to think and understand.

How well he has the ability to express his thoughts.

His ability to understand the point of view of others and show sensitivity towards them.

How balanced and honest is his conduct and behavior.

Mental Ability:

Rational thinking and logical ability are assessed.

Ability to give quick and accurate answers to questions.

Ability to take decisions in difficult situations and problem-solving ability.

Social Awareness:

Understanding and sensitivity towards society and its various aspects.

His view on social and political issues.

Knowledge about different sections of society, their problems, and their solutions.

Leadership Qualities:

Ability to take responsibility and take decisions as a leader.

Ability to guide the team in difficult situations.

Leadership in public life and understanding of one’s role towards society.

Balanced Judgment:

Emotional balance and ability to take decisions calmly and prudently even in difficult situations.

Ability to take balanced and practical decisions without any bias in any situation.

Administrative Qualities:

Qualities required to perform administrative responsibilities such as patience, discipline, and a sense of service to the society.

Ability to effectively implement government schemes and policies.

Current Affairs and General Awareness:

Awareness of national and international current issues.

Views on economic, social, political and environmental issues.

Deep knowledge of government schemes and policies.

Interview Process:

The interview process is very practical and flexible. In this, the candidate can be asked questions on any subject, whether it is:

Related to their educational background,

Contemporary events or national-international issues,

Or questions related to ethical and behavioral situations.

Interview Questions:

Questions on Educational and Professional Background:

Based on the candidate’s educational qualifications, subject knowledge, and interests.

If the candidate has done special study or research in any subject, then questions related to that.

Current Affairs:

Views and analysis of recent national and international events.

Views on economic policies, foreign policy, and social issues.

Ethical Dilemmas and Situations:

Candidates are asked questions on scenarios where ethics and administrative efficiency are tested.

Example: “If you are a District Magistrate and you receive a complaint against a corrupt officer, what will you do?”

Introspection and Motivations:

Candidates are asked about their own strengths and weaknesses.

Motivation to join UPSC and their vision of contributing to society as a civil servant.

Preparation for the Interview:

Personality Development: Personality is the most important aspect in the interview, so the candidate should be confident and balanced. It is important to maintain decency and politeness in conduct.

Knowledge on current events: Good understanding of current events and issues related to them

There should be a good understanding of the interview. For this, it is necessary to read newspapers regularly, study government reports and magazines.

Mock Interview: Mock interviews are very helpful in preparing for the interview. This helps the candidate to increase his confidence and he may be able to present his answers in a better way.

Focus on ethical and practical questions: The candidate should prepare to give practical and balanced answers to questions related to ethics and administrative scenarios.

Important Points:

There is no fixed syllabus for the interview, but the candidate should prepare himself keeping in mind contemporary issues, administrative efficiency, and sensitivity towards society.

In the interview, the most attention is given to the smartness, reasoning, and confidence of the candidate.

It is also seen whether the attitude of the candidate is positive and whether he is responsible and aware towards the society and the nation or not.

The final merit list is prepared by combining the final result of the interview with the marks of the main examination, and on the basis of this the candidates are selected.

Total Marks:

Main Exam (1750 Marks) + Interview (275 Marks) = 2025 Marks

There are four main strategies to follow while preparing for UPSC Civil Services Exam: reading newspapers, studying NCERT books, writing practice and mock tests. All these aspects help in developing the knowledge, skills and confidence of the candidate as per the demands of the exam. Let us understand these four strategies in detail:

1. Read newspapers: For current affairs

Knowledge of current affairs is very important for all the stages of Civil Services Exam, be it Prelims, Mains or Interview. The habit of reading newspapers will not only keep you aware of current affairs but will also strengthen your analytical ability and approach.

Newspaper Reading Strategy:
Major newspapers: Read reputed newspapers like The Hindu, Indian Express, Dainik Jagran (for Hindi medium).

Focus on current affairs: Politics, social issues, science and technology, international relations, environment, and economic development news.

Read editorials: Reading editorials will help you develop the habit of doing in-depth analysis and understanding different viewpoints.

Prepare news notes: Make notes about important events. These notes will help you in essays and interviews for the main exam.

Topics to focus on:

National and international events: Such as government policies, international agreements, reports and conferences of global organizations (UN, WHO, IMF etc.).

Economic development and policies: Budget, economic surveys, new government schemes and policy reforms.

Environment and climate change: Environmental protection, climate change and related government initiatives.

2. NCERT books: Important for prelims preparation

NCERT books are important for the basic preparation of civil services exam, as these books provide clear, simple and precise information. NCERT books help students understand complex issues, especially for the prelims.

Why NCERT books are important:

Basics of all subjects: NCERT books provide candidates a solid foundation of history, geography, politics, economics, and basic principles of science.

Easy language and presentation: NCERT books are written in simple and straightforward language, which helps in understanding any subject in depth.

Direct questions in preliminary exam: Direct questions are often asked from NCERT in the UPSC preliminary exam, so it is mandatory to read them.

Which NCERT books should be read:

History: NCERT history books from class 6 to 12.

Geography: NCERT geography books from class 6 to 12.

Indian Constitution and Politics: NCERT political science books from class 9 to 12.

Economics: NCERT economics books from class 9 to 12.

General Science: NCERT science books from class 6 to 10.

Study method:

Prepare a summary after reading each book.

Note down important facts and dates, especially for history and geography.

Understand the topics well and practice answering questions on them.

3. Essential Writing Practice: For Mains

The Mains exam is in written form and tests the writing skills of the candidate. Therefore, writing practice is very important for the Mains exam. To develop writing ability, it is necessary that candidates practice writing answers regularly.

Need for Writing Practice:
Answer Structure: You have to develop a clear structure of how to write answers to questions. This means presenting the beginning, body, and conclusion of the answer in a systematic way.

Time Management: In the Mains exam, you have to write long answers in a limited time, so time management is very important. With regular writing practice, you can develop the ability to write accurate answers within the time.

Accuracy and Conciseness: It is very important to keep the answers short, precise and relevant. Avoid giving unnecessary information.

Analytical Approach: In the Mains exam, just describing the facts is not enough; you have to develop the ability to draw conclusions by analyzing the facts.

Tips for Writing Practice

4. Mock Tests: For self-analysis

Mock tests are the most important way of self-analysis in civil services exam preparation. It helps the candidate to analyse their preparation level and identify areas that need improvement.

Advantages of Mock Tests:

Experience of real exam: Mock tests familiarise you with the environment and format of UPSC exam.

Time management: By taking mock tests, you can develop the ability to increase your speed and solve more questions in a limited time.

Identify weaknesses: Mock tests help you identify the topics in which you have a weak grip, and you can work towards improving them.

Improve accuracy: Wrong answers in mock tests result in negative marking, so it improves your accuracy and ability to answer correctly.

How to use mock tests:

Mock tests for Prelims: Solve regular mock tests for Prelims to improve both your speed and accuracy.

Mock tests for Mains: Practice answer writing mock tests for Mains. Analyze the mock tests and work on your weaknesses.

Online test series: Many institutes provide online mock test series that allow you to evaluate your preparation from the comfort of your home.

Overall strategy:

Preparing for the civil services exam requires patience, consistency, and dedication. These four strategies — reading newspapers, studying NCERT books, writing practice, and mock tests — will lay a solid foundation for you towards success.

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