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भारत के नए ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों में प्रशासनिक भवनों के टिकाऊ डिजाइन पर कार्यशाला – मुख्य बिंदु
- कार्यशाला का आयोजन:
- एनआईसीडीसी (राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम लिमिटेड) और सीईपीटी विश्वविद्यालय (पर्यावरण नियोजन एवं प्रौद्योगिकी केंद्र) ने संयुक्त रूप से गुजरात के अहमदाबाद में कार्यशाला का आयोजन किया।
- कार्यशाला का उद्देश्य:
- नए स्मार्ट शहरों के प्रशासनिक भवनों के लिए टिकाऊ, बायोफिलिक और ऊर्जा-दक्षता डिजाइन पर चर्चा करना।
- मुख्य विषय:
- बायोफिलिक वास्तुकला, ऊर्जा दक्षता, जलवायु बायो-मासिंग और समावेशी योजना जैसे टिकाऊ डिजाइन अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- सत्र विवरण:
- पहला सत्र: अच्छे डिजाइन के मूल्य, कार्यक्षमता और नवीनतम डिजाइन रुझानों पर चर्चा।
- दूसरा सत्र: वास्तुशिल्प सेवाओं की पारदर्शी खरीद प्रक्रिया की रूपरेखा और गुणवत्ता तथा लागत के बीच संतुलन।
- प्रमुख वक्ता:
- जेन्सलर की सुश्री अपर्णा खेमानी, एडिफिस के श्री बेदांत सैकिया, स्टूडियो लोटस के श्री अंबरीश अरोड़ा, जैकब्स के श्री प्रसाद जस्ती, और सीईपीटी के श्री अवनीश पेंडारकर।
- एनआईसीडीसी का दृष्टिकोण:
- औद्योगिक स्मार्ट शहरों में बेहतरीन और प्रतिष्ठित प्रशासनिक भवन विकसित करने का महत्व।
- लचीले शहरों का विकास जो औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देंगे।
- सीएएफ का योगदान:
- सीएएफ, एनआईसीडीसी के साथ मिलकर, प्रतिष्ठित प्रशासनिक भवनों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध।
- सीएएफ के निदेशक श्री दर्शन पारिख ने इस सहयोग को महत्त्वपूर्ण बताया।
- एनआईसीडीसी की पृष्ठभूमि:
- एनआईसीडीसी, जो पहले दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा विकास निगम के नाम से जाना जाता था, ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों के विकास की अगुवाई कर रहा है।
- सीएएफ की भूमिका:
- एक गैर-लाभकारी संस्था, जो शहरी नियोजन, परिवहन, बुनियादी ढांचे, जल आपूर्ति, स्वच्छता, आदि में सेवाएं प्रदान करती है।